राजदूत पुरी ने कहा कि पाकिस्तान दशकों से भारत के खिलाफ प्रायोजित आतंकवाद का उपयोग कर रहा है और आम नागरिकों को निशाना बना रहा है। उन्होंने हाल ही में पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सीमावर्ती गांवों पर किए गए हमलों का जिक्र करते हुए बताया कि इन हमलों में 20 से ज्यादा नागरिकों की जान गई और 80 से ज्यादा लोग घायल हुए। मंदिरों, गुरुद्वारों, अस्पतालों और स्कूलों तक को निशाना बनाया गया—जो बेहद निंदनीय और अमानवीय है।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भारत ने 26/11 जैसे भयावह आतंकी हमले और अप्रैल 2025 में पहलगाम में पर्यटकों की सामूहिक हत्या जैसी घटनाओं का दर्द झेला है, जिनमें निर्दोष नागरिकों की जान गई। पाकिस्तान बार-बार आतंकवादियों को शहीद का दर्जा देता है और उन्हें श्रद्धांजलि देता है—यह दिखाता है कि वह आतंक और आम जनता में फर्क नहीं करता।
पुरी ने दो टूक कहा कि ऐसा देश अगर नागरिकों की सुरक्षा पर भाषण देता है, तो वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अपमान करता है। भारत ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए विश्व को यह साफ संदेश दे दिया कि आतंकवाद को सहन नहीं किया जाएगा और उसका समर्थन करने वाले देशों को हर मंच पर बेनकाब किया जाएगा।